राजनीति में आपराधिक प्रवृत्ति के लोगों की बढ़ती पैठ को लेकर लंबे समय से चिंता जताई जाती रही है। हर पार्टी जब सत्ता से बाहर होती है, तो ऐसे तत्त्वों को सत्ता से बाहर करने का बढ़-चढ़ कर दावा करती है। मगर हकीकत यह है कि हर चुनाव के बाद आपराधिक छवि के प्रतिनिधियों की संख्या कुछ बढ़ी हुई ही दर्ज होती है।
राजनीति में आपराधिक प्रवृत्ति के लोगों की बढ़ती पैठ को लेकर लंबे समय से चिंता जताई जाती रही है। हर पार्टी जब सत्ता से बाहर होती है, तो ऐसे तत्त्वों को सत्ता से बाहर करने का बढ़-चढ़ कर दावा करती है। मगर हकीकत यह है कि हर चुनाव के बाद आपराधिक छवि के प्रतिनिधियों की संख्या कुछ बढ़ी हुई ही दर्ज होती है।
read more
read less